*आइयां कांतन वालिया*
सुनो सैयां कहे इंद्रावती, तुम आईयां उमेद कर ।
अब समझो क्यों न पुकारते, क्यों रहियां नींद पकर ।।
कारी कामरी रे किरंतन कहाँ पर उतरा बताईए...
Question: कारी कामरी रे किरंतन कहाँ पर उतरा बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: उदयपुर ताल में जब चीरक भेष लिया