बीड़ी सोभित मुख में, मोरत लाल तंबोल ।
सोभा इन सूरत की, नहीं पटंतर तौल ।।
रूहअल्ला दज्जाल को मारसी,छोड़ावसी उमत। क...
Question: रूहअल्ला दज्जाल को मारसी,छोड़ावसी उमत। कर एक दीन चरन देखावहीं,जाकी असल हक निसबत।। सिं- 7/48 इसका बेवरा कीजिए सुन्दरसाथ जी
Answer: श्री महामति जी मोमिनो को बता रहे हैं -श्री श्यामा महारानीजी वक्त आखिरत को जागृत बुद्धि, निज बुद्धि की तारतम वाणी से दज्जाल को मारकर अपने मोमिनो को इनके बंधन से छुड़ाएंगे और सारी दुनिया को एक पारब्रह्म का पूजक बनाकर निजानंद संप्रदाय में लाकर श्रीराजजी के दर्शन कराएंगे जो श्री राजजी की अंगनाएं हैं। इमाम मेहंदी श्री प्राणनाथजी महाराज ही दुनिया को कर्मकांड (शरीयत) से छुड़ाकर अक्षरातीत पारब्रह्म की पहचान कराके सिजदा कराएंगे, क्योंकि श्री प्राणनाथजी श्री राजजी के ही स्वरूप हैं। रसूल साहब के कहे अनुसार मलकी और हकी सुरत ईसा रूहअल्ला श्यामा महारानीजी और इमाम मेहंदी श्री प्राणनाथजी महाराज दोनों हिंदुओं में आएंगे। यह विवरण ब्रह्मसृष्टि जो श्री राजजी की अंगना है,वही समझेंगे।