ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।
कह्या अर्स हमारे दिल को, हैं हमहीं हक हु...

Question: कह्या अर्स हमारे दिल को, हैं हमहीं हक हुकम। क्यों न आवे इस्क हक का, यों बेसक हैयाती इलम ॥ सि .2/9 इस चौपाई का बेवरा बताईए सुन्दर साथ जी
Answer: इस खेल का मूल मंत्र पहले दो चरणों में ही निहित है कि श्री राजी महाराज हमें खेल कैसे दिखा रहे हैं हमारी आत्म का दिल पिया का अर्स है और हमारी आत्म के तन हक के हुकम के स्वरूप हैं हमारे पास ऐसा बेसक और अखंड ईलम होने पर भी हक यानि पिया का इस्क हमें क्यूं नही आता