*आइयां कांतन वालिया*
सुनो सैयां कहे इंद्रावती, तुम आईयां उमेद कर ।
अब समझो क्यों न पुकारते, क्यों रहियां नींद पकर ।।
तीसरी भोम की देहेलान में जब श्री राज जी...
Question: तीसरी भोम की देहेलान में जब श्री राज जी का सिनगार रूहें करती हैं तो श्री राज जी का मुखारबिन्द किस दिशा की ओर होता है बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: पूर्व दिशा की ओर जहाँ से वोह अपनी दायीं ओर तिरछी नज़रों से श्री श्यामा जी को आसमानी मन्दिर में निहारते रहते हैं