ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।
तीसरी भोम की देहेलान में जब श्री राज जी...

Question: तीसरी भोम की देहेलान में जब श्री राज जी का सिनगार रूहें करती हैं तो श्री राज जी का मुखारबिन्द किस दिशा की ओर होता है बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: पूर्व दिशा की ओर जहाँ से वोह अपनी दायीं ओर तिरछी नज़रों से श्री श्यामा जी को आसमानी मन्दिर में निहारते रहते हैं