*आइयां कांतन वालिया*
सुनो सैयां कहे इंद्रावती, तुम आईयां उमेद कर ।
अब समझो क्यों न पुकारते, क्यों रहियां नींद पकर ।।
नब्बे बरस हजार पर, पढ़ते गुजरे दिन। लिख...
Question: नब्बे बरस हजार पर, पढ़ते गुजरे दिन। लिखी कयामत बीच कुरान के, सो तो न पाई किन ॥ खुलासा6/7 इस चौपाई को समझाइए सुन्दरसाथ जी
Answer: रसूल साहब बसरी सरूप के एक हजार नब्बे बरस बीतने पर अर्थात् सम्वत् १७३५ में कयामत के निशान जाहिर होंगे, ऐसा कुरान में लिखा है, परन्तु किसी ने इस इशारे को नहीं समझा।