*आइयां कांतन वालिया*
सुनो सैयां कहे इंद्रावती, तुम आईयां उमेद कर ।
अब समझो क्यों न पुकारते, क्यों रहियां नींद पकर ।।
श्री बीतक साहिब की इस चौपाई में आदि अनाद...
Question: श्री बीतक साहिब की इस चौपाई में आदि अनादि फल से क्या तात्पर्य है बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: आदि की लीला रूहों ने मांगी यानि जो बनती मिटती है और अनादि की अक्षर ने यानि अखण्ड की लीला जो श्री राजजी श्री श्यामा जी और रूहों संग करते हैं