ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।
श्री बीतक साहिब की इस चौपाई में आदि अनाद...

Question: श्री बीतक साहिब की इस चौपाई में आदि अनादि फल से क्या तात्पर्य है बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: आदि की लीला रूहों ने मांगी यानि जो बनती मिटती है और अनादि की अक्षर ने यानि अखण्ड की लीला जो श्री राजजी श्री श्यामा जी और रूहों संग करते हैं