ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।
महंमद नूर है हक का, कुल सैयन महंमद नूर।...

Question: महंमद नूर है हक का, कुल सैयन महंमद नूर। इन झण्डे कौल महंमद के, आखिर किया चाहिए जहूर ॥ खुदा के नूर से महंमद, हुई दुनियां महमंद के नूर। इन बात में सक जो ल्याइया, सो रह्या दीन से दूर || ऊपर की चौपाई में किसको महमंद कहा है और नीचे की चौपाई में किसको महमंद कहा है और ये दोनों किसकी और कौन सी सूरतें हैं बताईए सुन्दर साथ जी
Answer: श्री राज जी महाराज की तीन सूरतें हैं जिसे कुरान में अलफ लाम मीम और श्री कुलजम वाणी में बसरी मलकी हकी सूरत कहा है इन तीनों सूरतों को मिलाने पर सत चित् आनद मिल कर एक सच्चिदानंद पारब्रहम सरूप हैं पहली चौपाई में मलकी महमंद श्री श्यामा जी हैं और दूसरी चौपाई में बसरी महमंद अक्षर की आत्म को कहा है