ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।
अब देखसी सब नजरों, दोऊ झण्डों करी पुकार।...

Question: अब देखसी सब नजरों, दोऊ झण्डों करी पुकार। बातून झण्डा नूर का, पोहोंच्या बिलंद नूर पार।। मा सा.12/95 इसमें दो झण्डों का क्या भाव है बताईए सुन्दर साथ जी
Answer: अब सारी दुनियां के लोग इस बात को समझेंगे, क्योंकि शरीयत का झण्डा रसूल साहब की कुरान, मारफत का झण्डा श्री कुलजम सरूप साहब की वाणी पुकार कर रही है। यही बातूनी ज्ञान का झण्डा यह वाणी ही है जो अक्षर के पार परमधाम तक पहुंचाती है।