*आइयां कांतन वालिया*
सुनो सैयां कहे इंद्रावती, तुम आईयां उमेद कर ।
अब समझो क्यों न पुकारते, क्यों रहियां नींद पकर ।।
हरिद्वार में सम्वत् 1735 में श्री जी साह...
Question: हरिद्वार में सम्वत् 1735 में श्री जी साहिब जी ने सेवा में तत्पर रहते एक सुन्दर साथ को खिताब से नवाजा था उसका नाम और क्या खिताब दिया बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: गरीबदास जी को खानसामा का खिताब श्री जी ने दिया था क्योंकि वोह सब उन सुन्दरसाथ के रहने खाने पीने का प्रबन्ध करने की सेवा करते थे जो श्री जी संग हरिद्वार गए थे