आज की चौपाई

सोई कूकां करे पेहेले की,सो क्यों न समझो बात।
न तो दिन उजाले खरे दो पोहोरे,अब हो जासी रात ।।

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अथ तीन सरूपों की बीतक लिखते श्री बीतक सा...

Shri Nijanand Samparday
Question: अथ तीन सरूपों की बीतक लिखते श्री बीतक साहिब की शुरुआत में ही यह आता है इसका क्या मतलब है बताईए सुन्दरसाथ जी

Answer: तीन सरूप बसरी मलकी और हकी ही हैं जिन्हें सत् चिद और आनंद कहा है तीनों को मिला दें तो सचिदानंद पूर्ण सरूप होता है