ए जो कहे मैं सरूप, जुगल किसोर अनूप ।
दई साहेदी महंमद रूहअल्ला, किए जाहेर अर्स सरूप ।।
अथ तीन सरूपों की बीतक लिखते श्री बीतक सा...
Question: अथ तीन सरूपों की बीतक लिखते श्री बीतक साहिब की शुरुआत में ही यह आता है इसका क्या मतलब है बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: तीन सरूप बसरी मलकी और हकी ही हैं जिन्हें सत् चिद और आनंद कहा है तीनों को मिला दें तो सचिदानंद पूर्ण सरूप होता है