आज की चौपाई

बीड़ी सोभित मुख में, मोरत लाल तंबोल ।
सोभा इन सूरत की, नहीं पटंतर तौल ।।

Quiz

साथ सों हेत कियो अपार, धंन धंन धनबाई को...

Shri Nijanand Samparday
Question: साथ सों हेत कियो अपार, धंन धंन धनबाई को अवतार। कछुक लेहेर लागी संसार, ना दई गिरने खड़ी राखी आधार ।। प्र हि धंन बाई कौन है और उसको कौन सी माया की लहर लगने वाली थी जिससे धनी ने उनको बचाया बताईए सुन्दर साथ जी

Answer: धंन बाई श्री गांग जी भाई जी की आत्म है जब श्री देवचन्द्र जी के अन्दर बैठे धाम धनी की पेहेचान कर उनको अपने घर ले जाकर सेवा करने लगे तो उनपर माया की लहर का विकट प्रवाह आया था जो सहन नहीं किया जाने वाला था (भानवाई का त्याग) जो उन्होंने किया, फिर भी धनी ने हाथ पकड़कर माया से बचा लिया।