ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।
लीला दोऊ पेहेले करी, दूजे फेरे भी दोए।...

Question: लीला दोऊ पेहेले करी, दूजे फेरे भी दोए। बिना तारतम ए माएने, न जाने कोए ।। १२६ ।। बेहद वाणी की इस चौपाई का भेद बताईए सुन्दरसाथ जी कि दो फेरों में कौन सी 2-2 लीलायें हुई
Answer: पहले फेरे में दो लीलाएं (ब्रज और रास)। दूसरे फेरे में भी दो लीलाएं कीं। एक नौतनपुरी में और दूसरी श्री पद्मावतीपुरी में। बिना तारतम वाणी के यह भेद कोई नहीं जान सकता।