ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।
जूनागढ़ जाते हुए धोरा जी मार्ग पर श्री म...

Question: जूनागढ़ जाते हुए धोरा जी मार्ग पर श्री मेहेराज ठाकुर जी के साथ क्या प्रसंग हुआ बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: जूनागढ़ जाते हुए धोरा जी मार्ग पर श्री जी की मुलाकात श्री तेजकुंवरी जी से हुई तेज कुंवंरी जी अपने पिता के साथ जल भरने आई थीं जैसे ही श्री तेज कुंवंरी जी ने श्री जी को देखा उन्होंने घूंघट ओढ़ लिया और पिता के पूछने पर बताया कि वोह मेरे पति हैं श्री जी से पूछने पर सारी बात सच निकली कि श्री तेजकुंवंरी जी के तन में अमला वती सखी की वासना है इससे पहले अमलावती जी को जो नश्वर तन मिला वो फूलबाई जी का था जो श्री जी की पत्नी रुप में थी यही कारण था कि श्री जी को देखते ही तेजकुंवरी जी ने घूंघट ओढ़ लिया था वहीं पर नदी किनारे ही श्री जी ने श्री तेज कुंवरी जी को अंगीकार कर लिया