*आइयां कांतन वालिया*
सुनो सैयां कहे इंद्रावती, तुम आईयां उमेद कर ।
अब समझो क्यों न पुकारते, क्यों रहियां नींद पकर ।।
इस चौपाई का प्रसंग कहाँ का है परिकरमा कौ...
Question: इस चौपाई का प्रसंग कहाँ का है परिकरमा कौन सी हैं बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: श्री महामति जी कहते हैं कि सभी सखियां पल भर में ही रंगमोहोल की बाहरी परिकरमा में घूम कर वापिस श्री राज जी के चरणों में आती हैं सब श्री राज जी के प्रेम में इतनी गर्क हैं कि उनकी प्रेम की तरंगों की कोई पारावार नहीं है और यह प्रसंग तीसरी भोम की पड़साल का है