ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।
पन्ना जी में श्री जी साहिब जी की सेवा मे...

Question: पन्ना जी में श्री जी साहिब जी की सेवा में कितनी वाणी गाने वाली मंडलीयां थी जो अपनी बारी से आ आकर धाम धनी को रिझाती थीं बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: चौदह मंडलियां