बीड़ी सोभित मुख में, मोरत लाल तंबोल ।
सोभा इन सूरत की, नहीं पटंतर तौल ।।
सत चिद आनंद से क्या तात्पर्य है बताईए सु...
Question: सत चिद आनंद से क्या तात्पर्य है बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: जो सत्य ( अखंड) है ,चेतन ( निरंतर लीला करने वाला ) और आनंद देने की क्रिया करता है। सत्य +चित्त +आनंद =सच्चिदानंद अर्थात पूर्ण ब्रह्म परमात्मा श्री राज जी महाराज ही हैं । इस जागनी लीला में कुरान में भी खुदा की तीन सूरत का ब्यान किया है जिसे बसरी अर्थात सत , मलकी अर्थात आनंद ,हकी अर्थात चिदघन कहा है