आज की चौपाई

सोई कूकां करे पेहेले की,सो क्यों न समझो बात।
न तो दिन उजाले खरे दो पोहोरे,अब हो जासी रात ।।

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मैं अंग इमाम को,मोमिन मेरे अंग। बीच आए त...

Shri Nijanand Samparday
Question: मैं अंग इमाम को,मोमिन मेरे अंग। बीच आए तिन वास्ते,करूं सब एक संग ॥ सनंध की इस चौपाई में कौन किसका अंग है बताईए सुन्दरसाथ जी

Answer: यहाँ श्री महामति जी के हृदय में विराजमान श्यामा जी की आत्मा कहती है कि मैं परब्रह्म अक्षरातीत की अंग रूपा हूं तथा सभी ब्रह्ममुनि मेरे ही अंग हैं। सभी माया का खेल देखने इस संसार में आए हैं। अब मैं तारतम ज्ञान के प्रकाश में सबको परब्रह्म की पहचान कराकर एकत्रित करूंगी।