सोई कूकां करे पेहेले की,सो क्यों न समझो बात।
न तो दिन उजाले खरे दो पोहोरे,अब हो जासी रात ।।
रब रसूल बतावे गैब का, हम पूजें जाहेर। हम...
Question: रब रसूल बतावे गैब का, हम पूजें जाहेर। हम बातून को पोहोंचे नहीं, देखें नजर बाहेर ।। खि. प्र .13/ 23 इस चौ. का बेवरा करें सुन्दरसाथ जी
Answer: रसूल साहब कहते हैं कि पारब्रह्म अतीत में छिपे हैं जो दिखाई नहीं देते। हमारा खुदा मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारों में बैठा है। उसकी हम पूजा करते हैं। हम छिपे परमात्मा को जो नजर नहीं आता, नहीं मानते। हम तो परमात्मा को सामने देखकर पूजते हैं (हम प्रत्यक्ष की पूजा करते हैं, परोक्ष की नहीं)।