आज की चौपाई

सोई कूकां करे पेहेले की,सो क्यों न समझो बात।
न तो दिन उजाले खरे दो पोहोरे,अब हो जासी रात ।।

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सुकव्यास कहे भागवत में, प्रेम न त्रिगुण...

Shri Nijanand Samparday
Question: सुकव्यास कहे भागवत में, प्रेम न त्रिगुण पास । यह चौपाई श्री कुलजम सरूप साहिब के कौन से ग्रन्थ से है बताईए सुन्दरसाथ जी

Answer: परिकरमा ग्रन्थ से प्रेम को अंग बरनन वाले प्रकरण की चौथी चौपाई