सोई कूकां करे पेहेले की,सो क्यों न समझो बात।
न तो दिन उजाले खरे दो पोहोरे,अब हो जासी रात ।।
सुकव्यास कहे भागवत में, प्रेम न त्रिगुण...
Question: सुकव्यास कहे भागवत में, प्रेम न त्रिगुण पास । यह चौपाई श्री कुलजम सरूप साहिब के कौन से ग्रन्थ से है बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: परिकरमा ग्रन्थ से प्रेम को अंग बरनन वाले प्रकरण की चौथी चौपाई