आज की चौपाई

ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।

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हुकमें देखाया हुकम को, तिन हुकमें देख्या...

Shri Nijanand Samparday
Question: हुकमें देखाया हुकम को, तिन हुकमें देख्या हुकम । भिस्त दोजख उन हुकमें, आखिर सुख सब दम ।। सिंधी 16/10 इस चौपाई का मतलब बताईए सुन्दरसाथ जी

Answer: धाम धनी जी ने खेल दिखाने के लिए अपना हुक्म का स्वरूप बनाया और 12000 रूहों के भी हुक्म के स्वरूप बनाये । अब चौ . मंथन करें ,धाम धनी की आज्ञा (आदेश) ने हुक्म स्वरूपा आत्माओं को माया का यह खेल दिखाया है। धाम धनी के हुक्म से ही आत्माओं ने इस हुक्म (आदेश) स्वरूप ब्रह्माण्ड को देखा है। संसार के सभी प्राणियों को न्याय (आखिरत) के दिन हुक्म से ही बहिश्तों का सुख प्राप्त होगा और दोजक में प्रायश्चित की अग्नि में जलना पड़ेगा।