ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।
पन्ना जी में श्री खिजड़ा मन्दिर से सवारी...

Question: पन्ना जी में श्री खिजड़ा मन्दिर से सवारी क्यूं निकाली जाती है बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: पन्ना जी में जब श्री जी भ्रमण करते हुए खिजड़ा पेड़ के नीचे बैठे हुए थे तब श्री छत्रसाल जी ने आकर उनको प्रणाम करके कहा कि श्री जी आपकी मेहर से अफगन खां से युद्ध में विजय प्राप्त कर ली है बिना आपकी मेहर से यह संभव नही था तो फिर यहीं खिजड़ा से श्री जी साहिब जी को सवारी में बिठा कर श्री छत्रसाल जी महाराज गाजे बाजे के साथ जयकारे लगाते हुए श्री बंगला जी में लेकर आए थे । तब से ही यह उसी प्रकार प्रसंग मनाया जाता है