*आइयां कांतन वालिया*
सुनो सैयां कहे इंद्रावती, तुम आईयां उमेद कर ।
अब समझो क्यों न पुकारते, क्यों रहियां नींद पकर ।।
हम सब श्री बीतक साहिब सुन रहे हैँ सुन रह...
Question: हम सब श्री बीतक साहिब सुन रहे हैँ सुन रहे हैं न सुन्दरसाथ जी
Answer: श्री जी हवसे से जूनागढ़ फिर जामनगर से अहमदाबाद जेल में जेल से दीपबंदर फिर नबी,पोरबंदर,पाटन,कच्छ होते हुए मंडई फिर मंडई से कपाईये,भोजनगर,नलिये से ठट्ठा नगर फिर ठट्ठे से लाठी बंदर यहाँ से वापिस ठट्ठा फिर से लाठी बंदर यहाँ से मसकत,आवासी बंदर,कोग बंदर होकर वापिस लाठी बंदर से ठट्ठा आए ठट्ठे से फिर नलिये,मंडई बंदरगाह से खुस्की के रास्ते कच्छ के रण से धौराजी,घोघा,सोहाली से सूरत यहाँ से अहमदाबाद,सिद्धपुर पाटन,मेढ़ते से होकर गोकुल,मथुरा,आगरा से दिल्ली फिर दिल्ली से साजहानपुर बोड़िया से श्रीजी हरिद्वार पहुँचे