बीड़ी सोभित मुख में, मोरत लाल तंबोल ।
सोभा इन सूरत की, नहीं पटंतर तौल ।।
इस चौपाई का बेवरा करें सुन्दरसाथ जी
Question: इस चौपाई का बेवरा करें सुन्दरसाथ जी
Answer: हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम रसूल साहब ने श्री राजजी से पूछा कि हुकम रुपी वृक्ष के ऊपर मुर्गे श्री श्यामा जी की सूरता ने चोंच में खाक झूठा वजूद क्यों दबा रखी है झूठा तन श्री श्यामा जी ने क्यों धारण किया है तब श्री राजजी ने जवाब दिया कि उम्मत ने ये संसार रुपी झूठा खेल देखने की मांग कर के गुनाह कर लिया है तो उन सभी सूरताओं को खेल से वापस लाने के लिये ये श्री देवचन्द्र जी रुपी झूठा तन धरा है