ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।
श्री राज जी के मुखारबिन्द की शोभा में कि...

Question: श्री राज जी के मुखारबिन्द की शोभा में कितनी लांक की शोभा का वर्णन आता है बताईये सुन्दरसाथ जी
Answer: चार लांक की शोभा है एक जहाँ बेंसूर है एक होंठों और ठोढ़ी के बीच और दो लांक गालों में पड़ती हैं जब पिया जी मुस्कुराते हैं