सुनो रूहें अरस की, जो अपनी बीतक। जो हमसे लटी भई, ऐसी करें ना कोई मुतलक। प्रणाम जी
यह दृश्य पुखराज पहाड़ में कहाँ पर सुशोभित...
Question: यह दृश्य पुखराज पहाड़ में कहाँ पर सुशोभित है बताईये सुन्दरसाथ जी
Answer: जहाँ आकाशी मोहलातों की एक हजार भोम की ऊँचाई आई है दरवाजे के चबूतरों के आगे से ऊपर जाने के लिए सीढ़ियों की शोभा आई है जिससे ऊपर हर भोम में जा सकते हैं