ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।
सिनगार ग्रन्थ के 21 वें प्रकरण की चौपाई...

Question: सिनगार ग्रन्थ के 21 वें प्रकरण की चौपाई क्या कहती है बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: श्री महामति जी कहती हैं कि मैंने एक फूल की कोमलता को रूह के संसार की देह के साथ जोड़कर देखा तो पाया वह हक जात अखण्ड फूल श्री राजी का ही अंग है उसकी तुलना संसार की देह के साथ कैसे की जाए ?