ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।
बांहे ग्रही लई निसरी, में त्रण जुध कीधा...

Question: बांहे ग्रही लई निसरी, में त्रण जुध कीधा फरी फरी । पछे गत मत मारी हरी ' लई वस्त पोताने करी ॥ इस चौपाई में श्री जी ने तीन युद्ध कौन कौन से करे बताईए सुन्दरसाथ जी
Answer: पहला युद्ध अरब में खेता भाई के काम को जाना और लौटने पर धनी देवचंद्र जी का प्रणाम स्वीकार ना करना दूसरा श्री फूल बाई जी का सुंदर साथ के लिए त्याग करना तीसरा सुंदर साथ को इकट्ठा करके उनकी सेवा करने का उपाय करना और जिसके फलस्वरूप हवसा में जाना पड़ा |