आज की चौपाई

*आइयां कांतन वालिया*

सुनो सैयां कहे इंद्रावती, तुम आईयां उमेद कर ।
अब समझो क्यों न पुकारते, क्यों रहियां नींद पकर ।।

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दो हिजाब जर मोती के, बीच राह साल सत्तर |...

Shri Nijanand Samparday
Question: दो हिजाब जर मोती के, बीच राह साल सत्तर | हक महमंद दोऊ हिजाब में, आखिर बातें करी इन बेर || मा 1/17 की इस चौपाई का भेद बताईए सुन्दरसाथ जी

Answer: मुहम्मद साहब के बीच दो परदे एक जरी का और दूसरा मोतियों का बताया है इन दोनों परदों के बीच का रास्ता सत्तर साल का है सम्वत् १६७८ से १७४८ श्याम जी के मन्दिर से लेकर पन्ना तक श्री राज महाराज की पूरी वाणी आ गई