ए कहे दोऊ भिंन भिंन, खेल देखन को दोऊ कारन ।
उपज्यो मोह सुरत संचरी, खेल हुआ माया विस्तरी ।।
प्रकाश हिंदुस्तानी ३७/२३
धनी श्री देवचन्द्र जी ने श्री मिहिराज जी...
Question: धनी श्री देवचन्द्र जी ने श्री मिहिराज जी को किन दो रूहों के बारे में कहा था कि जब यह दोनों जाग्रत हो जाएंगी तो तब घर चलने की तैयारी होगी
Answer: श्री साकुमार और श्री साकुंडल