ए कहे दोऊ भिंन भिंन, खेल देखन को दोऊ कारन ।
उपज्यो मोह सुरत संचरी, खेल हुआ माया विस्तरी ।।
प्रकाश हिंदुस्तानी ३७/२३
लीला दोऊ पेहेले करी, दूजे फेरे भी दोए।...
Question: लीला दोऊ पेहेले करी, दूजे फेरे भी दोए। बिना तारतम ए माएने, न जाने कोए ।। १२६ ।। बेहद वाणी की इस चौपाई का भेद बताईए सुन्दरसाथ जी कि दो फेरों में कौन सी 2-2 लीलायें हुई
Answer: पहले फेरे में दो लीलाएं (ब्रज और रास)। दूसरे फेरे में भी दो लीलाएं कीं। एक नौतनपुरी में और दूसरी श्री पद्मावतीपुरी में। बिना तारतम वाणी के यह भेद कोई नहीं जान सकता।