*आइयां कांतन वालिया*
सुनो सैयां कहे इंद्रावती, तुम आईयां उमेद कर ।
अब समझो क्यों न पुकारते, क्यों रहियां नींद पकर ।।
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असराफील ने दो सूर फूंकने है एक तो हरिद्वार में सारे धर्माचार्यों में श्रीजी साहिब जी जाहिर हुए और सब धर्माचार्यों का गुमान तोड़ा और फिर दूसरा सब काजियों का गुमान तोड़कर ईमाम मेंहदी जाहिर हुए यह पहला सूर असराफील ने फूंका दूसरा सूर फूंकने के लिए वोह तैयार खडा है जो विष्णु को जाकर तारतम देगा फिर ब्रह्मांड प्रलय होगा यह दो काम असराफील के जिम्में हैं
Read Quiz →श्री साकुमार और श्री साकुंडल
Read Quiz →अक्षर ब्रह्म के प्रीतम परमधाम में रहने वाले अक्षरातीत श्री राजजी महाराज हैं। यानि कि परम धाम में जैसे रूहें अपने धनी की आशिक हैं वैसे ही अक्षर ब्रहम भी श्री राज जी महाराज का आशिक है और इस खेल में उतरने से रूहों और अक्षर ब्रह्म दोनों को श्री मुख वाणी से पता चलता है कि रूहें और अक्षर ब्रह्म दोनों तो धनी के माशूक हैं और धाम धनी ही केवल सारे परम धाम के आशिक हैं । मोमिनों (ब्रह्मसृष्टियों) के यहां आ जा...
Read Quiz →नीचे श्री यमुना जी में 16 थंभों पर पार घाट खड़ा है और ऊपर 12 थंभो की शोभा आई है
Read Quiz →एक कुरान के रूप में दूसरा फुरमान भागवत के रूप में है धाम धनी ने खुद आकर यह दोनों पुरानी किताबें रद करके श्री कुलजम वाणी की कुंजी से अपनी और अपने घर की पहचान करवाई खुलासा ग्रन्थ प्र 8/9,10 में इसका प्रमाण वर्णित है
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