बीड़ी सोभित मुख में, मोरत लाल तंबोल ।
सोभा इन सूरत की, नहीं पटंतर तौल ।।
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मेरे प्राणनाथ! अपने स्वरूप की पहचान कराने के पश्चात् भी आप मुझे दर्पण क्यों दिखा रहे हैं अर्थात् अपने ब्रज-रास के लीला रूपी तनों को ही अपना स्वरूप क्यों बता रहे हैं कि इन में अक्षरातीत विराजमान हैं ? जब हाथ में कंगन पहना हो तो उसे सीधा ही देखा जा सकता है, उसे देखने के लिये दर्पण की क्या आवश्यकता है ? यह तो सब जानते है कि ब्रज और रास में राधा तथा श्री कृष्ण जी के तन में श्री श्यामा जी एवं राज जी ने...
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Read Quiz →ऐसे प्रकरण हैं एक शब्द मेहर प्रकरण मेहर सागर और दूसरा हो स्याम पिउ पिउ करूं रे पुकारूं खटरूती प्रकरण 15 और तीसरा मन शब्द खोज थके खेल खसम री किरंतन 47 और चौथा निसवत शब्द सिनगार प्रकरण 7 और पांचवा नूर शब्द परिकरमा प्रकरण 35 से 37 तक ऐसे और भी कई प्रकरण हैं
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Read Quiz →पूर्व दिशा में हरे रंग की उत्तर में पीले रंग की पश्चिम में सफेद रंग की और दक्षिण में लाल रंग की शोभा आई है
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