बीड़ी सोभित मुख में, मोरत लाल तंबोल ।
सोभा इन सूरत की, नहीं पटंतर तौल ।।
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श्री इंद्रावती जी की आतम मोमिनो को बता रही हैं मैं और बिहारी जी दोनों ही सदगुरु धनी श्री देवचंद्र जी के बंदे थे हम दोनों का झगड़ा होने के कारण दोनों जमाते अलग अलग हो गई ब्रह्म सृष्टि तथा ईश्वरीय सृष्टि मेरे साथ हो गई,जीव सृष्टि जो बातूनी अर्थो को नहीं समझते थे उन्होंने प्राथमिकता बिहारी जी को दे दी यह सारी बातें कुरान में लिखी हुई हैं।
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