ऐ प्रकास जो पिउ का, टाले अंदर का फेर।
याही सब्द के सोर से, उड़ जासी सब अंधेर।।२१।।
View All Quiz Answer.
धंन बाई श्री गांग जी भाई जी की आत्म है जब श्री देवचन्द्र जी के अन्दर बैठे धाम धनी की पेहेचान कर उनको अपने घर ले जाकर सेवा करने लगे तो उनपर माया की लहर का विकट प्रवाह आया था जो सहन नहीं किया जाने वाला था (भानवाई का त्याग) जो उन्होंने किया, फिर भी धनी ने हाथ पकड़कर माया से बचा लिया।
Read Quiz →
राजाराम भाई मेड़ते से छत्रसालजी को लिख रहे हैं कि हमारी सेवा का भार जब आपने ले ही लिया है, तो यदि कहो तो हम भी वहां आ जाएं। श्री महामतिजी कहते हैं कि बड़ी हैरानी की बात है। मोमिनो ! देखो, समय कितना कठिन हो गया।
Read Quiz →
मोमिनों की भक्ति ईमान है और शक्ति सेवा है
Read Quiz →
नवधा प्रकार की भक्ति के 81 पक्ष 82 वां वल्लभाचार्य जी का 83 वां पक्ष कबीर जी का और 25 पक्ष परमधाम के , ये सारे मिला कर 108 पक्ष होते हैं
Read Quiz →
कुरान की इशारत (संक्षिप्त कथन) को श्री राजजी महाराज ने खोल दिया है। महामति( श्री इन्द्रावती जी) के ऊपर श्री प्राणनाथ जी ने सतगुरु देवचन्द्रजी (श्यामा महारानी) के तारतम वाणी के ज्ञान से कृपा की है। जिनसे यह भेद खुले।
Read Quiz →