आज की चौपाई

बीड़ी सोभित मुख में, मोरत लाल तंबोल ।
सोभा इन सूरत की, नहीं पटंतर तौल ।।

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परमधाम के रंगमहल के चार कोनों में जो चार चेहेबच्चे आये हैं वोह कितने गहरे हैं और कितने हांस के शोभा ले रहे हैं बताईए सुन्दरसाथ जी

by Shri Nijanand Samparday

16 हांस के और दो भोम गहरे शोभा ले रहे हैं

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दिल्ली जामा मस्जिद के गुसलखाना में ईमाम मेंहदी के आने की सूचना का रुक्का लगाने की सेवा किसने करी थी बताईए सुन्दरसाथ जी

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श्री नंद राम घड़ियालची जी ने

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दुनी नाम सुनत नरक छूटत, इनोंपे तो असल नाम । दिल भी हकें अर्स कह्या, याकी साहेदी अल्ला कलाम ।। सि 21/84 दुनी नाम कौन सा है और असल नाम कौन सा है बताईए सुन्दरसाथ जी

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दुनियां के जीव तो पारब्रह्म के लौकिक नाम 'श्री कृष्ण अनादि अक्षरातीत' सुनने से आवागमन के चक्कर छूट कर भवसागर से पार होकर अखण्ड हो जायेंगे, पर रूहों ने तो तिन पार के भी पार परमधाम में जो असल नाम " श्री जी साहेब श्यामा श्याम" है, वहां जाना है। मोमिनों के दिल को श्री राजजी का अर्श कहा है जो दिल श्री जी साहेब श्यामा श्याम से जुड़े हैं जिसकी गवाही कुरान देता है।

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जूनागढ़ जाते हुए धोरा जी मार्ग पर श्री मेहेराज ठाकुर जी के साथ क्या प्रसंग हुआ बताईए सुन्दरसाथ जी

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जूनागढ़ जाते हुए धोरा जी मार्ग पर श्री जी की मुलाकात श्री तेजकुंवरी जी से हुई तेज कुंवंरी जी अपने पिता के साथ जल भरने आई थीं जैसे ही श्री तेज कुंवंरी जी ने श्री जी को देखा उन्होंने घूंघट ओढ़ लिया और पिता के पूछने पर बताया कि वोह मेरे पति हैं श्री जी से पूछने पर सारी बात सच निकली कि श्री तेजकुंवंरी जी के तन में अमला वती सखी की वासना है इससे पहले अमलावती जी को जो नश्वर तन मिला वो फूलबाई जी का था जो...

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पचास हजार बाग किए खैरात, बरकत नुसखे भई सिफात । हवेलियां जो थी वैरान, सो किया खड़ियां हुए मेहरबान ।। 21/4 ब. क्या. इस चौपाई के मायने बताईए सुन्दरसाथ जी

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परमधाम की जमीन पचास हजार योजन की है जो मोमिनों को कुलजम सरूप की वाणी के नुस्खे से प्राप्त हुई। मोमिनों के अर्श दिल ही हवेलियां हैं। जो कुलजम सरूप की वाणी के बिना वीरान थीं। श्री प्राणनाथजी महाराज ने अपनी वाणी से पहचान कराकर इन मोमिनों को जागृत कर दिया।

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