हवे वाला हूं एटलूं मांगूँ ,खिण एक अलगां न थैए।
जिहां अमने विरह नहीं,चालो ते घर जैए ।।
View All Quiz Answer.
अमलावती की आत्म ने पहले फूल बाई के तन में फिर तेज कुंवरी के तन में
Read Quiz →सूरत में
Read Quiz →अब श्री राजजी महाराज की जागृत बुद्धि तारतम वाणी ने रंग महल और अक्षरधाम इन दो अर्सों की तथा श्री राजजी महाराज और अक्षरब्रह्म के स्वरूप की जानकारी दी। इन्हें आज दिन तक कोई नहीं जानता था। इस तरह से अर्श की रूहों के अखण्ड सुखों की जानकारी किसी को नहीं थी। उस अखण्ड की जानकारी जागृत बुद्धि के ज्ञान से मुझे दी है।
Read Quiz →दीप बंदर जय राम भाई कंसारा जी के घर
Read Quiz →श्री जी ने उदयपुर में फकीरी भेष धारण किया था और श्री पन्ना जी तक पहना था क्योंकि श्री महाराजा छत्रसाल जी ने ही उनको चोपड़ा की हवेली में राजसी वस्त्र पहनाए थे और आभूषण भी पहनाए थे
Read Quiz →